
चित्रकूट , उत्तर प्रदेश — “एकजुट किसान, खुशहाल खेती – यही है एफपीओ की शक्ति” इस आदर्श वाक्य को आत्मसात करते हुए, CPD Agro Farming Producer Company Limited, Chitrakoot किसानों को संगठित कर उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
CPD Agro Farming एक किसान उत्पादक संगठन (FPO) है, जो किसानों को न केवल उन्नत कृषि तकनीकों से जोड़ता है, बल्कि उन्हें एक साझा मंच भी प्रदान करता है, जहाँ वे अपने उत्पादों का बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें। कंपनी का उद्देश्य है — छोटे और सीमांत किसानों को सामूहिक शक्ति के माध्यम से बाज़ार में सीधी पहुँच दिलाना, गुणवत्ता युक्त बीज, उर्वरक और तकनीकी सेवाएं उपलब्ध कराना, तथा कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में स्थापित करना।
तुलसीदास शिक्षा एवं विकास समिति, चिरतकूट के मार्गदर्शन में संचालित यह एफपीओ न केवल कृषि उत्पादों का उत्पादन और विपणन कर रहा है, बल्कि दुग्ध उत्पादन, बागवानी, प्रसंस्करण और जैविक खेती जैसे क्षेत्रों में भी किसानों को नये अवसर प्रदान कर रहा है। संगठन विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और जागरूकता अभियानों के माध्यम से किसानों को नवाचार और जलवायु अनुकूल खेती के लिए भी प्रेरित कर रहा है।
CPD Agro Farming Producer Company Limited का यह विश्वास है कि जब किसान एकजुट होते हैं, तो खेती भी खुशहाल बनती है, और ग्रामीण विकास की नयी राहें खुलती हैं। चिरतकूट और आस-पास के क्षेत्रों में यह एफपीओ किसानों के लिए उम्मीद की नयी किरण बनकर उभरा है।
सीईओ, CPD Agro Farming Producer Company Limited ने कहा,
“हमारा सपना है कि चिरतकूट का हर किसान आत्मनिर्भर और खुशहाल बने। एफपीओ के माध्यम से हम किसानों को नयी तकनीक, बेहतर बाज़ार और उचित मूल्य उपलब्ध कराकर उनकी खेती को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ‘एकजुट किसान, खुशहाल खेती’ हमारा सिर्फ नारा नहीं, बल्कि हमारी कार्य संस्कृति है।”
किसान सदस्य श्री रामस्वरूप यादव ने बताया,
“पहले हम अकेले खेती करते थे और मंडी में उचित दाम नहीं मिलते थे। अब एफपीओ से जुड़कर हमें अच्छी गुणवत्ता के बीज, खाद और फसल बेचने के लिए अच्छा बाजार मिला है। आमदनी भी बढ़ी है और खेती में आत्मविश्वास भी।”
कार्यक्रम के दौरान एफपीओ के माध्यम से चल रही विभिन्न पहलों की भी जानकारी दी गई, जैसे—
जैविक खेती को बढ़ावा देना,
किसानों के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र,
सामूहिक उपज विपणन,
बीज, उर्वरक और कृषि यंत्रों की सामूहिक खरीद,
दुग्ध उत्पादन और बागवानी क्षेत्र में नयी संभावनाओं का विकास।
तुलसीदास शिक्षा एवं विकास समिति शोध संस्थान के प्रतिनिधियों ने भी किसानों से संवाद करते हुए बताया कि संगठन का लक्ष्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि किसानों को तकनीकी और बाज़ार की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाना है।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित किसानों और अधिकारियों ने “सशक्त किसान – समृद्ध राष्ट्र” के लक्ष्य को साकार करने का संकल्प लिया।